जीवन के सफ़र में राही

जीवन के सफ़र में राही

मिलते हैं बिछड़ जाने को

और दे जाते हैं यादें

तन्हाई में तड़पाने को

ये रूप की दौलत वाले

कब सुनते हैं दल के नाले

तक़दीर ने बेचैन कर डाला

उन के किसी दीवाने को

जो उन की नज़र से खेले

दुख पाए मुसीबत झेले

फिरते हैं ये सब अलबेले

दिल ले के मुकर जाने को

दिल ले के दग़ा देते हैं

इक रोग लगा देते हैं

हंस हंस के जाँ देते हैं

ये हुस्न के परवाने को

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