ले दे के अपने पास फ़क़त इक नज़र तो है
क्यूँ देखें ज़िंदगी को किसी की नज़र से हम
Wasi Shah
Gulzar
Jaun Eliya
Parveen Shakir
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Ahmad Faraz
Anwar Masood
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Allama Iqbal
Rahat Indori
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
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आना है तो आ राह में कुछ फेर नहीं है
मुझे सोचने दे
कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त
वैसे तो तुम्हीं ने मुझे बर्बाद किया है
न मुँह छुपा के जिए हम न सर झुका के जिए
गुरेज़
मोहब्बत तर्क की मैं ने गरेबाँ सी लिया मैं ने
तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम
मेरे ख़्वाबों में भी तू मेरे ख़यालों में भी तू
रद्द-ए-अमल
मिरे दिल में आज क्या है तू कहे तो मैं बता दूँ
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को