तरह-ए-नौ
सई-ए-बक़ा-ए-शौकत-ए-अस्कंदरी की ख़ैर
माहौल-ए-ख़िश्त-बार में शीशागरी की ख़ैर
बेज़ार है कुनिश्त-ओ-कलीसा से इक जहाँ
सौदागरान-ए-दीन की सौदागरी की ख़ैर
फ़ाक़ा-कशों के ख़ून में है जोश-ए-इंतिक़ाम
सरमाया के फ़रेब जहाँ-पर्वरी की ख़ैर
तबक़ात मुब्तज़िल में है तंज़ीम की नुमूद
शाहनशहों के ज़ाबता-ए-ख़ुद-सरी की ख़ैर
एहसास बढ़ रहा है हुक़ूक़-ए-हयात का
पैदाइशी हुक़ूक़ सितम-पर्वरी की ख़ैर
इबलीस ख़ंदा-ज़न है मज़ाहिब की लाश पर
पैग़ंबरान-ए-दहर की पैग़म्बरी की ख़ैर
सेहन-ए-जहाँ में रक़्स-कुनाँ हैं तबाहियाँ
आक़ा-ए-हस्त-ओ-बूद की सनअत-गरी की ख़ैर
शो'ले लपक रहे हैं जहन्नम की गोद से
बाग़-ए-जिनाँ में जल्वा-ए-हूर-ओ-परी की ख़ैर
इंसाँ उलट रहा है रुख़-ए-ज़ीस्त से नक़ाब
मज़हब के एहतिमाम फ़ुसूँ-पर्वरी की ख़ैर
इल्हाद कर रहा है मुरत्तब जहान-ए-नौ
दैर-ओ-हरम के हीला-ए-ग़ारत-गरी की ख़ैर
(878) Peoples Rate This