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तरह-ए-नौ - साहिर लुधियानवी कविता - Darsaal

तरह-ए-नौ

सई-ए-बक़ा-ए-शौकत-ए-अस्कंदरी की ख़ैर

माहौल-ए-ख़िश्त-बार में शीशागरी की ख़ैर

बेज़ार है कुनिश्त-ओ-कलीसा से इक जहाँ

सौदागरान-ए-दीन की सौदागरी की ख़ैर

फ़ाक़ा-कशों के ख़ून में है जोश-ए-इंतिक़ाम

सरमाया के फ़रेब जहाँ-पर्वरी की ख़ैर

तबक़ात मुब्तज़िल में है तंज़ीम की नुमूद

शाहनशहों के ज़ाबता-ए-ख़ुद-सरी की ख़ैर

एहसास बढ़ रहा है हुक़ूक़-ए-हयात का

पैदाइशी हुक़ूक़ सितम-पर्वरी की ख़ैर

इबलीस ख़ंदा-ज़न है मज़ाहिब की लाश पर

पैग़ंबरान-ए-दहर की पैग़म्बरी की ख़ैर

सेहन-ए-जहाँ में रक़्स-कुनाँ हैं तबाहियाँ

आक़ा-ए-हस्त-ओ-बूद की सनअत-गरी की ख़ैर

शो'ले लपक रहे हैं जहन्नम की गोद से

बाग़-ए-जिनाँ में जल्वा-ए-हूर-ओ-परी की ख़ैर

इंसाँ उलट रहा है रुख़-ए-ज़ीस्त से नक़ाब

मज़हब के एहतिमाम फ़ुसूँ-पर्वरी की ख़ैर

इल्हाद कर रहा है मुरत्तब जहान-ए-नौ

दैर-ओ-हरम के हीला-ए-ग़ारत-गरी की ख़ैर

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In Hindi By Famous Poet Sahir Ludhianvi. is written by Sahir Ludhianvi. Complete Poem in Hindi by Sahir Ludhianvi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.