गुलशन गुलशन फूल
दामन दामन धूल
मरने पर ताज़ीर
जीने पर महसूल
हर जज़्बा मस्लूब
हर ख़्वाहिश मक़्तूल
इश्क़ परेशाँ-हाल
नाज़-ए-हुस्न मलूल
ना'रा-ए-हक़ मा'तूब
मक्र-ओ-रिया मक़्बूल
संवरा नहीं जहाँ
आए कई रसूल
Ahmad Faraz
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माना कि इस ज़मीं को न गुलज़ार कर सके
तरब-ज़ारों पे क्या बीती सनम-ख़ानों पे क्या गुज़री
हवस-नसीब नज़र को कहीं क़रार नहीं
ले दे के अपने पास फ़क़त इक नज़र तो है
हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें
क्या जानें तिरी उम्मत किस हाल को पहुँचेगी
हर-चंद मिरी क़ुव्वत-ए-गुफ़्तार है महबूस
दीवारों का जंगल जिस का आबादी है नाम
प्यार का तोहफ़ा
मैं पल दो पल का शाइ'र हूँ
हम ग़म-ज़दा हैं लाएँ कहाँ से ख़ुशी के गीत
शुआ-ए-फ़र्दा