Ghazals of Sahir Hoshiyarpuri
नाम | साहिर होशियारपुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Sahir Hoshiyarpuri |
जन्म की तारीख | 1913 |
मौत की तिथि | 1972 |
ज़िंदगी हम से ख़फ़ा हो जैसे
ये इख़्लास-ए-गराँ-माया बहुत है
वो जिस को हम ने अपनाया बहुत है
तेरे महल में कैसे बसर हो इस की तो गीराई बहुत है
टालने से वक़्त क्या टलता रहा
तैरेगा फ़ज़ा में जो समुंदर न मिलेगा
शाम को सुब्ह अँधेरे को उजाला लिक्खें
मेरे मरने की भी उन को न ख़बर दी जाए
ख़्वाब देखे थे सुहाने कितने
कौन कहता है मोहब्बत की ज़बाँ होती है
इश्क़ क्या चीज़ है ये पूछिए परवाने से
हम को मस्ती ओ ख़्वारी आई
हर एक फूल के दामन में ख़ार कैसा है
ग़म का सहरा न मिला दर्द का दरिया न मिला
दुनिया में हर क़दम पे हमें तीरगी मिली
दौर-ए-चर्ख़-ए-कबूद जारी है
दर्द-ए-दिल भी कभी लहू होगा
बस फ़र्क़ इस क़दर है गुनाह ओ सवाब में
अदू-ए-बद-गुमाँ की दास्ताँ कुछ और कही है
आप से क्या दोस्ती होने लगी