Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_1765aba411b0f2ab455b269966aced8c, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
शफ़्फ़ाफ़ रंग - साहिल अहमद कविता - Darsaal

शफ़्फ़ाफ़ रंग

शाम की आहट जब आने लग जाए

साबिक़ा लिबास उतार देने के अमल को

मीज़ान-ए-नज़र पर रख लेना चाहिए

ताकि वो मैला लिबास शाम का ही हिस्सा न बन जाए

हमें उजले लिबास की फ़िक्र करनी चाहिए

सफ़ेद उजला शफ़्फ़ाफ़ रंग

ताहिरा लिबास का ही हिस्सा है

और हम इस सुब्ह-याफ़ता लिबास के

पहनने के अहल साबित हो गए तो

नजात ही नजात है

सिफ़ात ही सिफ़ात है

लेकिन हम अमल-ए-ताहिरा से गुज़रे बग़ैर

उजला लिबास पहन कर भी

अपनी गर्द-ए-कशाफ़ात छुपा नहीं पाएँगे

बेहतर है अमल-ए-जारीया को ही अफ़ज़ल मानें

नक़्श-ए-मुबीन हासिल हो जाए

मकाँ को मकीं, मकीं को मकाँ मिल जाए

आसमाँ को ज़मीं ज़मीं को आसमाँ मिल जाए

(493) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Sahil Ahmad. is written by Sahil Ahmad. Complete Poem in Hindi by Sahil Ahmad. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.