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एक इक से यही कहता हूँ बता मैं क्या हूँ - सहबा वहीद कविता - Darsaal

एक इक से यही कहता हूँ बता मैं क्या हूँ

एक इक से यही कहता हूँ बता मैं क्या हूँ

एक मुद्दत हुई मैं भूल गया मैं क्या हूँ

नक़्श-बर-आब सही आप बना आप मिटा

अब तलक हिलती है ज़ंजीर-ए-सदा मैं क्या हूँ

अपनी पहनाई में गुम-कर्दा निशाँ हूँ मैं भी

तू अगर है इसी दुनिया का ख़ुदा मैं क्या हूँ

एक तारीख़-ए-विलादत है मिरी एक वफ़ात

इन हक़ाएक़ के सिवा और बता मैं क्या हूँ

अब कहाँ ढूँढने जाओगे मुझे ऐ लोगो

हो चुका ख़ाक गई ले के हवा मैं क्या हूँ

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In Hindi By Famous Poet Sahba Waheed. is written by Sahba Waheed. Complete Poem in Hindi by Sahba Waheed. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.