Ghazals of Sahba Waheed
नाम | सहबा वहीद |
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अंग्रेज़ी नाम | Sahba Waheed |
सुख़न को तूल न दे अपनी एहतियाज बता
शब-ए-सुरूर नई दास्ताँ विसाल-ओ-फ़िराक़
मोहलत न दे ज़रा भी मुझे मेरी जान खींच
ख़्वाब देखूँ कोई महताब लब-ए-बाम उतरे
जवाज़-ए-आब-ओ-ताब अब गुलाब के लिए नहीं
हर एक बंदिश-ए-ख़ुद-साख़्ता बयाँ से उठा
एक मैं हूँ एक तू है बा-ख़बर कोई नहीं
एक मैं हूँ एक तू है बा-ख़बर कोई नहीं
एक इक से यही कहता हूँ बता मैं क्या हूँ
बीम-ओ-रजा में क़ैद हर इक माह-ओ-साल है
अहबाब भी हैं ख़ूब कि तश्हीर कर गए