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Sahar Ansari Poetry In Hindi - Best Sahar Ansari Shayari, Sad Ghazals, Love Nazams, Romantic Poetry In Hindi - Darsaal

सहर अंसारी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सहर अंसारी

सहर अंसारी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सहर अंसारी
नामसहर अंसारी
अंग्रेज़ी नामSahar Ansari
जन्म की तारीख1939
जन्म स्थानKarachi

ये मरना जीना भी शायद मजबूरी की दो लहरें हैं

तिरी आरज़ू से भी क्यूँ नहीं ग़म-ए-ज़िंदगी में कोई कमी

तंग आते भी नहीं कशमकश-ए-दहर से लोग

शिकवा-ए-तलख़ी-ए-हालात बजा है लेकिन

शायद कि वो वाक़िफ़ नहीं आदाब-ए-सफ़र से

सदा अपनी रविश अहल-ए-ज़माना याद रखते हैं

न अब वो शिद्दत-ए-आवारगी न वहशत-ए-दिल

मिरे लहू को मिरी ख़ाक-ए-नागुज़ीर को देख

मौत के बाद ज़ीस्त की बहस में मुब्तला थे लोग

महफ़िल-आराई हमारी नहीं इफ़रात का नाम

कैसी कैसी महफ़िलें सूनी हुईं

जिसे गुज़ार गए हम बड़े हुनर के साथ

जाने क्यूँ रंग-ए-बग़ावत नहीं छुपने पाता

हम को जन्नत की फ़ज़ा से भी ज़ियादा है अज़ीज़

दिलों का हाल तो ये है कि रब्त है न गुरेज़

अजीब होते हैं आदाब-ए-रुख़स्त-ए-महफ़िल

ज़र्द सूरज

तारीकियों का हिसाब

सर-ए-राह

क़ाबील का साया

नूह के बा'द

कभी कभी

इंतिज़ार

हिसाब-ए-शब

दोराहा

अलाव

विसाल-ओ-हिज्र से वाबस्ता तोहमतें भी गईं

तंग आते भी नहीं कशमकश-ए-दहर से लोग

सज़ा बग़ैर अदालत से मैं नहीं आया

सदा अपनी रविश अहल-ए-ज़माना याद रखते हैं

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