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इश्क़ क्या है ख़ुद-फ़रामोशी मुसलसल इज़्तिराब - सग़ीर अहमद सग़ीर अहसनी कविता - Darsaal

इश्क़ क्या है ख़ुद-फ़रामोशी मुसलसल इज़्तिराब

इश्क़ क्या है ख़ुद-फ़रामोशी मुसलसल इज़्तिराब

हुस्न क्या है जल्वा-आराई ब-अंदाज़-ए-हिजाब

रूह मुज़्तर दिल परेशाँ चश्म है महरूम-ए-ख़्वाब

मैं बहुत मसरूर हूँ ऐ इश्क़ तू है कामयाब

जाँ निसारों पर तुम्हारे राज़ ये इफ़शा हुआ

मौत लुत्फ़-ए-सरमदी है ज़ीस्त यकसर इज़्तिराब

चाक-दामानी का ग़म है अब न कुछ फ़िक्र-ए-रफ़ू

कर चुके दीवाने तुम से ज़िंदगी का इंतिसाब

गुल फ़सुर्दा हों ख़स-ओ-ख़ाशाक में बालीदगी

बाग़बाँ ऐसा तो आया था न पहले इंक़िलाब

दो-जहाँ में सिर्फ़ ये है इश्क़ की दौलत 'सग़ीर'

सीना-ए-पुर-दाग़ चश्म-ए-तर दिल-ए-हसरत-मआ'ब

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In Hindi By Famous Poet Saghir Ahmad Saghir Ahsani. is written by Saghir Ahmad Saghir Ahsani. Complete Poem in Hindi by Saghir Ahmad Saghir Ahsani. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.