Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_0f236a07052b2cc13ac881d4f06b62bf, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
एक रहने से यहाँ वो मावरा कैसे हुआ - सग़ीर मलाल कविता - Darsaal

एक रहने से यहाँ वो मावरा कैसे हुआ

एक रहने से यहाँ वो मावरा कैसे हुआ

सब से पहला आदमी ख़ुद से जुदा कैसे हुआ

तेरे बारे में अगर ख़ामोश हूँ मैं आज तक

फिर तिरे हक़ में किसी का फ़ैसला कैसे हुआ

इब्तिदा में कैसे सहरा की सदा समझी गई

आख़िरश सारा ज़माना हम-नवा कैसे हुआ

चंद ही थे लोग जिन के सामने की बात थी

मैं ने उन लोगों से ख़ुद जा कर सुना कैसे हुआ

जब कि साबित हो चुका नुक़सान होने का 'मलाल'

फ़ाएदा क्या सोचने से क्यूँ हुआ कैसे हुआ

(413) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Sagheer Malal. is written by Sagheer Malal. Complete Poem in Hindi by Sagheer Malal. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.