ऐ अदम के मुसाफ़िरो होशियार
राह में ज़िंदगी खड़ी होगी
Parveen Shakir
Javed Akhtar
Mir Taqi Mir
Ahmad Faraz
Mohsin Naqvi
Allama Iqbal
Rahat Indori
Jaun Eliya
Gulzar
Habib Jalib
Wasi Shah
Faiz Ahmad Faiz
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(591) Peoples Rate This
रंग उड़ने लगा है फूलों का
एक वा'दा है किसी का जो वफ़ा होता नहीं
पूछा किसी ने हाल किसी का तो रो दिए
ज़ख़्म-ए-दिल पर बहार देखा है
झिलमिलाते हुए अश्कों की लड़ी टूट गई
कोई ताज़ा अलम न दिखलाए
तुम गए रौनक़-ए-बहार गई
बात फूलों की सुना करते थे
ऐ सितारों के चाहने वालो
महफ़िलें लुट गईं जज़्बात ने दम तोड़ दिया
जज़्बा-ए-सोज़-ए-तलब को बे-कराँ करते चलो