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मेरे तसव्वुरात हैं तहरीरें इश्क़ की - साग़र सिद्दीक़ी कविता - Darsaal

मेरे तसव्वुरात हैं तहरीरें इश्क़ की

मेरे तसव्वुरात हैं तहरीरें इश्क़ की

ज़िंदानी-ए-ख़याल हैं ज़ंजीरें इश्क़ की

ताबीर-ए-हुस्न है दिल-ए-मजरूह का लहू

छींटे पड़े तो बन गईं तस्वीरें इश्क़ की

दाग़-ए-फ़िराक़ ज़ख़्म-ए-वफ़ा अशक-ए-ख़ूँ-फ़िशाँ

रोज़-ए-अज़ल से हैं यही जागीरें इश्क़ की

शाम-ए-ख़िज़ाँ को सुब्ह-ए-बहाराँ बना दिया

तरतीब-ए-ज़ीस्त बन गईं ताज़ीरें इश्क़ की

'साग़र' जहान-ए-शौक़ में देखी है जावेदाँ

अहल-ए-नज़र के सामने तफ़्सीरें इश्क़ की

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In Hindi By Famous Poet Saghar Siddiqui. is written by Saghar Siddiqui. Complete Poem in Hindi by Saghar Siddiqui. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.