तजरबा है हमें मोहब्बत का
दिल हसीनों से प्यार करता है
आम तेरी ये ख़ुश-नसीबी है
वर्ना लंगड़ों पे कौन मरता है
Javed Akhtar
Mir Taqi Mir
Mohsin Naqvi
Habib Jalib
Rahat Indori
Gulzar
Anwar Masood
Parveen Shakir
Faiz Ahmad Faiz
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Ahmad Faraz
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(2907) Peoples Rate This
जान जाने को है और रक़्स में परवाना है
हुस्न ही हुस्न का हर शहर में जल्वा होता
गधों का मुशाएरे
ख़ुद तो कभी न आएगी होंटों पे अब हँसी
तौबा तौबा से नदामत की घड़ी आई है
दिल्ली की लड़कियाँ
उस्ताद मर गए
'साग़र' बहुत गुज़ारी गुनाहों में ज़िंदगी
रोटी कपड़ा और मकान
दिल्ली की बस
'साग़र' किसे बताइए ये वोल्टेज का हाल
मैं ने पूछा ये एक शाएर से