कितने चेहरे लगे हैं चेहरों पर
क्या हक़ीक़त है और सियासत क्या
Ahmad Faraz
Javed Akhtar
Parveen Shakir
Allama Iqbal
Rahat Indori
Mohsin Naqvi
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
Mir Taqi Mir
Anwar Masood
Gulzar
Wasi Shah
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Friends Poetry
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मह-जबीनो पास आओ और ये बतलाओ हमें
क्रिकेट मैच
ज़रूरत-ए-रिश्ता
बारिशें नहीं होतीं
इक्कीसवीं सदी का आदमी
'साग़र' बहुत गुज़ारी गुनाहों में ज़िंदगी
कहा बेटे ने इक तस्वीर अपनी माँ को दिखला कर
रह-ए-हयात में बस वो क़दम बढ़ा के चले
उठ चले वो तो इस में हैरत क्या
टेम्परेरी जॉब
उल्टी गंगा
क्यूँ दिल तिरे ख़याल का हामिल नहीं रहा