ख़ुद तो कभी न आएगी होंटों पे अब हँसी
हाँ दूसरों के हँसने का सामाँ करेंगे हम
Allama Iqbal
Parveen Shakir
Mohsin Naqvi
Anwar Masood
Rahat Indori
Habib Jalib
Javed Akhtar
Faiz Ahmad Faiz
Mir Taqi Mir
Wasi Shah
Ahmad Faraz
Jaun Eliya
Love Poetry
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Sharabi Poetry
Friends Poetry
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अब जश्न-ए-अश्क ऐ शब-ए-हिज्राँ करेंगे हम
देख के बोला हाथ मुनज्जम
गले पड़ा मेहमान
दुम
'साग़र' किसे बताइए ये वोल्टेज का हाल
हुस्न ही हुस्न का हर शहर में जल्वा होता
होली
महँगाई के ज़माने में बच्चों की रेल-पेल
सिर्फ़ कहती रहोगी ऐ बेगम
उल्टी गंगा
लड़की की दुआ
मैं ने पूछा ये एक शाएर से