Ghazals of Saghar Khayyami
नाम | साग़र ख़य्यामी |
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अंग्रेज़ी नाम | Saghar Khayyami |
जन्म की तारीख | 1936 |
मौत की तिथि | 2008 |
जन्म स्थान | Lucknow |
ये हादसा है बता दे कोई ज़माने को
उठ चले वो तो इस में हैरत क्या
तौबा तौबा से नदामत की घड़ी आई है
सारी जफ़ाएँ सारे करम याद आ गए
रह-ए-हयात में बस वो क़दम बढ़ा के चले
रह-ए-हयात में बस वो क़दम बढ़ा के चले
रहेगा प्यासों से पानी का फ़ासला कब तक
क्यूँ दिल तिरे ख़याल का हामिल नहीं रहा
कितना पुर-सोज़ है ये नाला-ए-शब-गीर मिरा
कहूँ तो क्या मैं कहूँ प्यारी प्यारी आँखों को
जान जाने को है और रक़्स में परवाना है
दीवानगी-ए-इश्क़ पे इल्ज़ाम कुछ भी हो
बैठे हैं ऐसे ज़ुल्फ़ में कलियाँ सँवार के
अब जश्न-ए-अश्क ऐ शब-ए-हिज्राँ करेंगे हम