यहाँ क़याम से बेहतर है कूच कर जाना
यहाँ क़याम से बेहतर है कूच कर जाना
वो बा-ख़बर था जिसे हम ने बे-ख़बर जाना
हम उस के दोस्त हैं क्या ज़िक्र-ए-वस्फ़-ए-यार करें
जिसे ख़ुद उस के रक़ीबों ने मो'तबर जाना
जहाँ पे ताक़ हैं बुग़्ज़-ओ-रिया के फ़न में तमाम
उस एक शख़्स ने इख़्लास को हुनर जाना
कुछ उस के साथ सफ़र सहल भी नहीं था मगर
अब इस के बा'द तो मुश्किल है लौट कर जाना
किसी का दुख भी हो समझा है अपना दुख उस ने
ग़रीब-ख़ाना किसी का हो अपना घर जाना
(440) Peoples Rate This