सफ़दर सलीम सियाल कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सफ़दर सलीम सियाल
नाम | सफ़दर सलीम सियाल |
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अंग्रेज़ी नाम | Safdar Saleem Sial |
जन्म की तारीख | 1936 |
ख़ुद-सर है अगर वो तो मरासिम न बढ़ाओ
इक ख़्वाब सा देखा था तो मैं काँप उठा था
अपनी साँसें मिरी साँसों में मिला के रोना
सूने ही रहे हिज्र के सहरा उसे कहना
शहर के लोग जिसे तेरी सितम-ज़ाई कहें
रस्तों पे न बैठो कि हवा तंग करेगी
मोहब्बतों में भी माल-ओ-मनाल माँगते हैं
इस से पहले कि किसी घाट उतारे जाते
हुजूम-ए-यास में माँ की दुआ मिलती रही है
दीदा-ओ-दिल मिरी सरकार उठा लाए हैं
अपनी साँसें मिरी साँसों में मिला के रोना
अपने अहद-ए-वफ़ा से रु-गर्दानी करता रहता है