Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_f9b96bd7776da1d060b6f1e8b8ae8f05, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
मुसव्विर अपने तसव्वुर का ढूँढता है दवाम - सईदुल ज़फर चुग़ताई कविता - Darsaal

मुसव्विर अपने तसव्वुर का ढूँढता है दवाम

मुसव्विर अपने तसव्वुर का ढूँढता है दवाम

न जाम-ए-जम न विसाल-ए-सनम न शोहरत-ओ-नाम

हयात जब्र-ए-मुसलसल है तू है जब्र-शिकन

हर एक गाम पे आज़ादगी का तुझ को सलाम

तसव्वुरात के फूलों में रंग भरता है

हक़ीक़तों की कड़ी धूप देती है इनआ'म

सहर भी होगी नसीम-ए-सहर भी गाएगी

मगर ये रात मोहब्बत चराग़ ज़हर के जाम

शराब पी भी तो पी चश्म-ए-मस्त साक़ी से

मगर चढ़ाए पिया पे ग़म-ए-हयात के जाम

मैं अपनी शम्अ' जलाता रहा हूँ तौबा पर

मैं अपने शो'ले से होता रहा हूँ गर्म-ए-कलाम

उसी से मेरे रग-ओ-पै में आतिश-ए-सय्याल

उसी से मेरे तसव्वुर के ख़म में माह-ए-तमाम

(459) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Saeed-ul-Zafar Chughtai. is written by Saeed-ul-Zafar Chughtai. Complete Poem in Hindi by Saeed-ul-Zafar Chughtai. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.