गाहे गाहे इसे पढ़ा कीजिए
दिल से बेहतर कोई किताब नहीं
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पसीने पसीने हुए जा रहे हो
गाहे गाहे इसे पढ़ा कीजे
मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा
रुस्वाई तो वैसे भी तक़दीर है आशिक़ की
दोस्त बन बन के मिले मुझ को मिटाने वाले
वो अंजुमन में रात अजब शान से गए
कोई पास आया सवेरे सवेरे
आँख से आँख मिला बात बनाता क्यूँ है
मैं न पीता तो तिरा लिख्खा ग़लत हो जाता
ख़ंजर से करो बात न तलवार से पूछो
इतना तो हुआ ऐ दिल इक शख़्स के जाने से