सईद राही कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सईद राही
नाम | सईद राही |
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अंग्रेज़ी नाम | Saeed Rahi |
तुम नहीं ग़म नहीं शराब नहीं
रुस्वाई तो वैसे भी तक़दीर है आशिक़ की
मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा
मैं न पीता तो तिरा लिख्खा ग़लत हो जाता
गाहे गाहे इसे पढ़ा कीजिए
गाहे गाहे इसे पढ़ा कीजे
दोस्त बन बन के मिले मुझ को मिटाने वाले
ये हक़ीक़त है कि होता है असर बातों में
वो अंजुमन में रात अजब शान से गए
पसीने पसीने हुए जा रहे हो
नहीं है ये तिरा कूचा नहीं है
मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा
कोई पास आया सवेरे सवेरे
ख़ंजर से करो बात न तलवार से पूछो
इतना तो हुआ ऐ दिल इक शख़्स के जाने से
आँख से आँख मिला बात बनाता क्यूँ है