Ghazals of Saeed Qais
नाम | सईद क़ैस |
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अंग्रेज़ी नाम | Saeed Qais |
उज़्र हवा ने क्या रक्खा है
सोने के दिल मिट्टी के घर पीछे छोड़ आए हैं
शाम के आसार गीले हैं बहुत
रोज़ हवा में उड़ने की फ़रमाइश है
नज़र में रंग समाए हुए उसी के हैं
हिज्र तन्हाई के लम्हों में बहुत बोलता है