सईद क़ैस कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सईद क़ैस
नाम | सईद क़ैस |
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अंग्रेज़ी नाम | Saeed Qais |
उसी के लुत्फ़ से बस्ती निहाल है सारी
तुम से मिलने का बहाना तक नहीं
तुम अपने दरिया का रोना रोने आ जाते हो
मैं भी अपनी ज़ात में आबाद हूँ
चेहरा चेहरा ग़म है अपने मंज़र में
अपनी आवाज़ सुनाई नहीं देती मुझ को
तआक़ुब
इंतिज़ार
अंजाम
उज़्र हवा ने क्या रक्खा है
सोने के दिल मिट्टी के घर पीछे छोड़ आए हैं
शाम के आसार गीले हैं बहुत
रोज़ हवा में उड़ने की फ़रमाइश है
नज़र में रंग समाए हुए उसी के हैं
हिज्र तन्हाई के लम्हों में बहुत बोलता है