शिकस्त मान के तस्ख़ीर कर लिया है मुझे

शिकस्त मान के तस्ख़ीर कर लिया है मुझे

ग़ज़ाल-ए-दश्त ने ज़ंजीर कर लिया है मुझे

मैं मुंतशिर था किसी अक्स-ए-राएगाँ की तरह

निगाह-ए-शौक़ ने तस्वीर कर लिया है मुझे

बिखर गया था सर-ए-शहर-ए-आशियाना मैं

किसी के रब्त ने तामीर कर लिया है मुझे

निकल के जाऊँ कहाँ मैं हिसार-ए-गर्दिश से

सफ़र ने पाँव में ज़ंजीर कर लिया है मुझे

सुकूत-ए-ग़म से बदन ख़ाक हो चला था मगर

तिलिस्म-ए-लम्स ने इक्सीर कर लिया है मुझे

मिरे सुख़न में समा कर किताब-रू ने मिरी

ख़ुद अपने हुस्न की तफ़्सीर कर लिया है मुझे

मैं इक ख़याल सर-ए-रहगुज़ार-ए-शब था 'सईद'

किसी के ख़्वाब ने ताबीर कर लिया है मुझे

(515) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Saeed Khan. is written by Saeed Khan. Complete Poem in Hindi by Saeed Khan. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.