यक़ीं उठ जाए अपने दस्त-ओ-पा से
उसी का नाम लोगो ख़ुद-कुशी है
Faiz Ahmad Faiz
Javed Akhtar
Allama Iqbal
Habib Jalib
Wasi Shah
Mohsin Naqvi
Gulzar
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Rahat Indori
Jaun Eliya
Ahmad Faraz
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ये किस के हुस्न की जल्वागरी है
किस के हाथों में हैं पत्थर कौन ख़ाली हाथ है
शहर के फ़ुट-पाथ पर कुछ चुभते मंज़र देखना
पहले वो क़ैद-ए-मर्ग से मुझ को रिहा करे
ग़म रात-दिन रहे तो ख़ुशी भी कभी रही