सईद अहमद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सईद अहमद
नाम | सईद अहमद |
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अंग्रेज़ी नाम | Saeed Ahmad |
उस दिन से पानियों की तरह बह रहे हैं हम
शोरिश-ए-वक़्त हुई वक़्त की रफ़्तार में गुम
सब करिश्मे तअल्लुक़ात के हैं
मिरा वजूद हवाला तिरा हुआ आख़िर
कुछ लोग इब्तिदा-ए-रिफ़ाक़त से क़ब्ल ही
ख़ुश्क पत्तों में किसी याद का शोला है 'सईद'
जो तिरे ख़ित्ता-ए-बे-आब की ख़्वाहिश न बना
जल थल का ख़्वाब था कि किनारे डुबो गया
हम भी उसी के साथ गए होश से 'सईद'
ज़वाल के आईने में ज़िंदा अक्स
ज़ात की काल कोठरी से आख़िरी नश्रिया
तज़ादों से इबारत
सफ़र ला सफ़र
निस्फ़ हिज्र के दयार से
मआनी की तलाश में मरते लफ़्ज़
जब बीनाई सावन ने चुराई हो
हम ज़ात से हम कलामी और फ़िराक़
डूबते सूरज की सरगोशी
चिता में बैठी ख़्वाहिश
बद-गुमान
और दिया जलता है ख़्वाब में
अधूरी नस्ल का पूरा सच
ज़िक्र मेरा है आसमान में क्या
वही ख़राबा-ए-इम्काँ वही सिफ़ाल-ए-क़दीम
शोरिश-ए-वक़्त हुई वक़्त की रफ़्तार में गुम
पत्थर को पूजते थे कि पत्थर पिघल पड़ा
खुलता है यूँ हवा का दरीचा समझ लिया
जब समाअत तिरी आवाज़ तलक जाती है
होने की इक झलक सी दिखा कर चला गया
हैरत-ए-पैहम हुए ख़्वाब से मेहमाँ तिरे