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मेरी जाँ वो बादा-ख़्वारी याद है - सदरुद्दीन मोहम्मद फ़ाएज़ कविता - Darsaal

मेरी जाँ वो बादा-ख़्वारी याद है

मेरी जाँ वो बादा-ख़्वारी याद है

वक़्त-ए-मस्ती गिर्या-ज़ारी याद है

मोतिया का हार ओ चम्पा की छड़ी

जोड़ा-ए-दामन-किनारी याद है

सब अभूकन तेरे तन पर ख़ुशनुमा

ख़ूबी-ए-अंगिया ओ सारी याद है

अब्र का साया ओ सब्ज़ा राह का

जान-ए-मन रथ की सवारी याद है

कोयलां के नाले अमराई के बीच

उस समय की बे-क़रारी याद है

मेंह बी तो टपकता था बूँद बूँद

'फ़ाएज़' उस दिन की सवारी याद है

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In Hindi By Famous Poet Sadruddin Mohammad Faez. is written by Sadruddin Mohammad Faez. Complete Poem in Hindi by Sadruddin Mohammad Faez. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.