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चौधवाँ उस चंदर का साल हुआ - सदरुद्दीन मोहम्मद फ़ाएज़ कविता - Darsaal

चौधवाँ उस चंदर का साल हुआ

चौधवाँ उस चंदर का साल हुआ

हुस्न में बद्र बा-कमाल हुआ

तुझ सा चंचल नहीं ज़माने में

रम में ऐ मन हिरन ग़ज़ाल हुआ

बाग़-ए-दिल में तू नख़्ल-ए-तूबा है

सर्व तुझ क़द से पाएमाल हुआ

रात दिन तू रहे रक़ीबाँ-संग

देखना तेरा मुझ मुहाल हुआ

देख कर तुझ नयन की शोख़ी कूँ

थक के सहरा-नशीं ग़ज़ाल हुआ

मुर्ग़-ए-दिल के फँसाने को मेरे

दाना-ओ-दाम ज़ुल्फ़ ओ ख़ाल हुआ

ज़ुल्फ़ की हर शिकन में तुझ मेरा

दिल गिरफ़्तार बाल बाल हुआ

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In Hindi By Famous Poet Sadruddin Mohammad Faez. is written by Sadruddin Mohammad Faez. Complete Poem in Hindi by Sadruddin Mohammad Faez. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.