जिस्म पर खुरदुरी सी छाल उगा
जिस्म पर खुरदुरी सी छाल उगा
आँख की पुतलियों में बाल उगा
तीर बरसा ही चाहते हैं सँभल
अपने हाथों में एक ढाल उगा
काट आगाहियों की फ़स्ल मगर
ज़ेहन में कुछ नए सवाल उगा
दोश ओ फ़र्दा को डाल गड्ढे में
खाद से उन की रोज़ हाल उगा
बढ़ी जाती हैं मांस की फ़सलें
इन ज़मीनों पे कुछ अकाल उगा
चख चुका ज़ाइक़े उरूजों के
अब ज़बाँ पर कोई ज़वाल उगा
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