सादिक़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सादिक़
नाम | सादिक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Sadiq |
जन्म की तारीख | 1943 |
जन्म स्थान | Delhi |
उठा ही लाया सभी रास्ते वो काँधों पर
उन की याद में बहते आँसू ख़ुश्क अगर हो जाएँगे
काट आगाहियों की फ़स्ल मगर
इस घूमती ज़मीन का मेहवर ही तोड़ दो
गुमाँ न था कि लिफ़ाफ़े में ख़त के बदले वो
फ़ुर्सत हो तो ये जिस्म भी मिट्टी में दबा दो
अपने गले पे चलती छुरी का भी ध्यान रख
ज़हर-ए-बाद
उन्हें कह दो
सीढ़ियाँ
फ़र्जाम
एक वसिय्यत
एक पुरानी नज़्म
एक बार फिर
बचपन की आँखें
अज़ाबों का शहर
और कुछ चारा नहीं
अल्फ़ाज़ की विलादत
अल्फ़ाज़ अल्फ़ाज़ ही हैं
वो एक चेहरा जो उस से गुरेज़ कर जाता
वो चीर के आकाश ज़मीं पर उतर आया
फिर से लहू लहू दर-ओ-दीवार देख ले
पलंग पर जो किताब ओ सिनान रख देगा
मुँह आँसुओं से अपना अबस धो रहे हो क्यूँ
जिस्म पर खुरदुरी सी छाल उगा
गरचे सहल नहीं लेकिन तेरे कहने पर लाऊँगा
दरवाज़े को पीट रहा हूँ पैहम चीख़ रहा हूँ
बिस्तर बिछा के रात वो कमरे में सो गया