Ghazals of Sadaf Jafri
नाम | सदफ़ जाफ़री |
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अंग्रेज़ी नाम | Sadaf Jafri |
वो पीपल के तले टूटी हुई मेहराब का मंज़र
शिकवे की चुभन मुझ को सदा अच्छी लगी है
रास्ते फैले हुए जितने भी थे पत्थर के थे
मिलते नहीं हैं जब हमें ग़म-ख़्वार एक दो
लफ़्ज़ों को सजा कर जो कहानी लिखना
ख़ुशबू से हो सका न वो मानूस आज तक
चाँद गुम-सुम चमकता हुआ और मैं
आग थी ऐसी कि अरमाँ जल गए