चलो कि हम भी ज़माने के साथ चलते हैं
नहीं बदलता ज़माना तो हम बदलते हैं
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रस्म-ए-दुनिया तो किसी तौर निभाते जाओ
दिखाएगी असर दिल की पुकार आहिस्ता आहिस्ता
ज़ुल्फ़ लहरा के फ़ज़ा पहले मोअत्तर कर दे
लाख तक़दीर पे रोए कोई रोने वाला
शेर में साथ रवानी के मआनी भी तो भर
तुम सितारों के भरोसे पे न बैठे रहना
दिल न माना मना के देख लिया
उन्हें न तोलिये तहज़ीब के तराज़ू में
मोहब्बत के मरीज़ों का मुदावा है ज़रा मुश्किल
बड़ा घाटे का सौदा है 'सदा' ये साँस लेना भी
लोग कहते हैं दिल लगाना जिसे
इक न इक रोज़ रिफ़ाक़त में बदल जाएगी