Ghazals of Sada Ambalvi
नाम | सदा अम्बालवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Sada Ambalvi |
जन्म की तारीख | 1951 |
जन्म स्थान | Ambala |
ज़ुल्फ़ लहरा के फ़ज़ा पहले मोअत्तर कर दे
यूँ तो इक उम्र साथ साथ हुई
वो तो ख़ुश्बू है हर इक सम्त बिखरना है उसे
तबीअत रफ़्ता रफ़्ता ख़ूगर-ए-ग़म होती जाती है
रस्म-ए-दुनिया तो किसी तौर निभाते जाओ
नींद आई ही नहीं हम को न पूछो कब से
न ज़िक्र गुल का कहीं है न माहताब का है
मंज़र-ए-रुख़्सत-ए-दिलदार भुलाया न गया
लाख तक़दीर पे रोए कोई रोने वाला
क्यूँ ये हसरत थी दिल लगाने की
दिल न माना मना के देख लिया
दिल के कहने पर चल निकला
दिखाएगी असर दिल की पुकार आहिस्ता आहिस्ता
चलो कि हम भी ज़माने के साथ चलते हैं
अब कहाँ दोस्त मिलें साथ निभाने वाले