माना दुख को थोड़ा कम कर देती हैं
पर ख़ुशियाँ भी आँखें नम कर देती हैं
प्यार की कलियाँ जब भी दिल में खिलती हैं
मैं और तुम को अक्सर हम कर देती हैं
जब यादों के फूल पलक पर खिलते हैं
आँखें अश्कों को शबनम कर देती हैं
इस से ज़ियादा कौन 'सचिन' धोखा देगा
जिस्म को साँसें ही बे-दम कर देती हैं