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इक चेहरे पर रोज़ गुज़ारा होता है - सचिन शालिनी कविता - Darsaal

इक चेहरे पर रोज़ गुज़ारा होता है

इक चेहरे पर रोज़ गुज़ारा होता है

प्यार किसी को कब दोबारा होता है

मैं तुम पर हर बार भरोसा करता हूँ

इतना सच्चा झूठ तुम्हारा होता है

तुम मेरे इस दिल को पागल मत कहना

अपना बच्चा सब को प्यारा होता है

तुम जाओ पर यादों को तो रहने दो

यादों का भी एक सहारा होता है

उस पंछी का हाल 'सचिन' किस ने समझा

जो पिंजरे में क़ैद दोबारा होता है

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In Hindi By Famous Poet Sachin Shalini. is written by Sachin Shalini. Complete Poem in Hindi by Sachin Shalini. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.