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इक बरहमन ने कहा है कि ये साल अच्छा है - साबिर दत्त कविता - Darsaal

इक बरहमन ने कहा है कि ये साल अच्छा है

ज़ुल्म की रात बहुत जल्द टलेगी अब तो

आग चूल्हों में हर इक रोज़ जलेगी अब तो

भूक के मारे कोई बच्चा नहीं रोएगा

चैन की नींद हर एक शख़्स यहाँ सोएगा

आँधी नफ़रत की चलेगी न कहीं अब के बरस

प्यार की फ़स्ल उगाएगी ज़मीं अब के बरस

है यक़ीं अब न कोई शोर-शराबा होगा

ज़ुल्म होगा न कहीं ख़ून-ख़राबा होगा

ओस और धूप के सदमे न सहेगा कोई

अब मिरे देश में बेघर न रहेगा कोई

नए वादों का जो डाला है वो जाल अच्छा है

रहनुमाओं ने कहा है कि ये साल अच्छा है

दिल के ख़ुश रखने को ग़ालिब ये ख़याल अच्छा है

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In Hindi By Famous Poet Sabir Dutt. is written by Sabir Dutt. Complete Poem in Hindi by Sabir Dutt. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.