साबिर दत्त कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का साबिर दत्त
नाम | साबिर दत्त |
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अंग्रेज़ी नाम | Sabir Dutt |
जन्म की तारीख | 1938 |
मौत की तिथि | 2000 |
जन्म स्थान | Mumbai |
ज़िंदगी तू ने कहानी दे दी
वो सर-ए-शाम बाम पर आए
वक़्त बढ़ता रहा मौसम मौसम
सेहन-ए-गुलशन में ढूँडती है कभी
मुझ को तो आप मिरे ख़्वाब में मिल जाएँगे
मेरे माज़ी से चली आती है हर रोज़ वो रात
कह रही है रविश की ताबानी
जब भी खिलता है सर-ए-शाख़ कोई ताज़ा गुलाब
इस तरह दिल में शब-ए-तन्हाई
हुस्न-ए-बे-पर्दा की यलग़ार लिए बैठे हैं
हम जो काफ़िर हैं सब की नज़रों में
हो कर दुनिया से बेगाना
हाल का लम्हा लम्हा छलनी है
गिर रहे हैं बदन पे शाख़ से फूल
दूर घाटी से सर उठा के शफ़क़
दिन गुज़रता है उन की यादों में
दिल में ले कर हम आस फिरते रहे
दिल की धड़कन के पयामात से डर जाते हैं
चुपके चुपके जहाँ बसा लेता
बैठी सखियों के घेरे में दुल्हन
अभी से लुत्फ़-ओ-मुरव्वत का एहतिमाम न कर
आँखों के गुलाबों को नज़्मों में छुपा लूँगा
आज पनघट पर इस तरह थी भीड़
ज़ुल्फ़ की शाम सुब्ह चेहरे की
ये कैसी सियासत है मिरे मुल्क पे हावी
रुख़ उन का कहीं और नज़र और तरफ़ है
फिर लाई है बरसात तिरी याद का मौसम
मुद्दतों बाद उठाए थे पुराने काग़ज़
लोग करते हैं ख़्वाब की बातें
ख़्वाबों से न जाओ कि अभी रात बहुत है