सबिहा सबा, न्यूयार्क कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सबिहा सबा, न्यूयार्क
नाम | सबिहा सबा, न्यूयार्क |
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अंग्रेज़ी नाम | Sabiha Saba, Newark |
सजा कर चार-सू रंगीं महल तेरे ख़यालों के
कोई मसरूफ़ियत होगी वगर्ना मस्लहत होगी
ये सैल-ए-अश्क मुझे गुफ़्तुगू की ताब तो दे
नहीं जाने है वो हर्फ़-ए-सताइश बरमला कहना
दुरुस्त है कि ये दिन राएगाँ नहीं गुज़रे
ब-ज़ाहिर रौनक़ों में बज़्म-आराई में जीते हैं