Ghazals of Saba Jayasi
नाम | सबा जायसी |
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अंग्रेज़ी नाम | Saba Jayasi |
कहाँ पे बिछड़े थे हम लोग कुछ पता मिल जाए
हम ने ख़ाक-ए-दर-ए-महबूब जो चेहरे पे मली
हो गई सारी पशेमानी अबस
बू-ए-ख़ुश की तरह हर सम्त बिखर जाऊँगा
और किस तरह उसे कोई क़बा दी जाए
आज गुज़रे हुए लम्हों को पुकारा जाए