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किस लिए फिरता हूँ तन्हा न किसी ने पूछा - रूही कंजाही कविता - Darsaal

किस लिए फिरता हूँ तन्हा न किसी ने पूछा

किस लिए फिरता हूँ तन्हा न किसी ने पूछा

क्यूँ कहीं जी नहीं लगता न किसी ने पूछा

ज़ेहन आवारा दिल आवारा नज़र आवारा

कैसे इस हाल को पहुँचा न किसी ने पूछा

कौन है आया है किस देस से किस से मिलने

सब ने देखा मगर इतना न किसी ने पूछा

जाने क्या कहते अगर पूछता अहवाल कोई

ख़ैर ये भी हुआ अच्छा न किसी ने पूछा

बे-तअल्लुक़ हुए 'रूही' अजब अंदाज़ से लोग

किस पे क्या हादसा गुज़रा न किसी ने पूछा

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In Hindi By Famous Poet Roohi Kanjahi. is written by Roohi Kanjahi. Complete Poem in Hindi by Roohi Kanjahi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.