Ghazals of Rohit Soni 'Tabish'
नाम | रोहित सोनी ‘ताबिश’ |
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अंग्रेज़ी नाम | Rohit Soni 'Tabish' |
ये एहतियात इश्क़ पे लाज़िम सदा रहे
उसी हसीं से चमन में बहार आज भी है
तुझ बिन रह-ए-हयात में लुत्फ़-ए-सफ़र कहाँ
तिलिस्म-ए-नश्शा-ए-दुनिया भी आज ख़त्म हुआ
शुऊर-ए-इश्क़ अगर फ़ितरत-ए-निगाह में है
रू-ए-ज़मीं नहीं कि सर-ए-आसमाँ नहीं
निकालो कोई तो सूरत कि तीरगी कम हो
जब कि सारी काएनात उस की निगहबानी में है
हवा-ए-जिंदगी भी कूचा-ए-क़ातिल से आती है
गरचे मिरे ख़ुलूस से वो बे-ख़बर न था