रिज़वानूरर्ज़ा रिज़वान कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का रिज़वानूरर्ज़ा रिज़वान
नाम | रिज़वानूरर्ज़ा रिज़वान |
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अंग्रेज़ी नाम | Rizwanurraza Rizwan |
ज़बान पे नाला-ओ-फ़रियाद के सिवा क्या है
वो अपनी आन में गुम है मैं अपनी आन में गुम
तुम्हारी याद तुम्हारा ख़याल काफ़ी है
था निगाहों में बसाया जाने किस तस्वीर को
मोहब्बत का सफ़र हे और मैं हूँ
कोई ख़्वाब था जो बिखर गया कोई दर्द था जो ठहर गया
इसी लिबास इसी पैरहन में रहना है
अज़ीज़ इतना तिरा रंग-ओ-बू लगे है मुझे