Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_a3596db47ef39bef828e9df204c98073, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
चाहतों का जो शजर है दोस्तो - रिफ़अत अल हुसैनी कविता - Darsaal

चाहतों का जो शजर है दोस्तो

चाहतों का जो शजर है दोस्तो

आज बे-बर्ग-ओ-समर है दोस्तो

उड़ रही है जो सितारों से परे

अपनी ही गर्द-ए-सफ़र है दोस्तो

दामन-ए-ज़र्रीं अमीर-ए-शहर का

ख़ून में अपने ही तर है दोस्तो

अश्क-ए-ग़म पी पी के अपने शहर में

मुस्कुराना भी हुनर है दोस्तो

मंज़िल-ए-ख़ुर्शीद से आगे चलो

मौसम-परवाज़-ओ-पर है दोस्तो

कार-हा-ए-ज़िंदगी हैं मो'तबर

ज़िंदगी ना मो'तबर है दोस्तो

(472) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Rifat Al-Husaini. is written by Rifat Al-Husaini. Complete Poem in Hindi by Rifat Al-Husaini. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.