अंदेशा-हा-ए-दूर-दराज़
तिरी ख़्वाहिश ने किस तश्कीक का मल्बूस पहना है
तिरी बाबत किसी से पूछने में ख़ौफ़ आता है
वो जाने क्या है
तिरे बारे में कोई बात भी करता हूँ तो डरता हूँ
जाने गुफ़्तुगू क्या रंग पकड़े
तिरी बाबत किसी से कोई राय भी तलब करते लरज़ता हूँ
वो जाने तुझ को कैसा नाम दे
मिरे एहसास को किस शक ने जकड़ा है
यही क्यूँ सोचता हूँ अब तो पहले सा नहीं है
अब तिरे बारे में लोगों का वो पहला सा तसव्वुर भी नहीं है
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