Ghazals of Renu Nayyar
नाम | रेनू नय्यर |
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अंग्रेज़ी नाम | Renu Nayyar |
शीशा-सिफ़त थे आप और शीशा-सिफ़त थे हम
सफ़र इक दूसरे का एक सा है
सफ़र इक दूसरे का एक सा है
ख़ुदा से उसे माँग कर देखते हैं
ख़ुदा से उसे माँग कर देखते हैं
दुनिया को हर चीज़ दिखाई जा सकती है
दुनिया को हर चीज़ दिखाई जा सकती है
धूप को कुछ और जलना चाहिए
धूप को कुछ और जलना चाहिए
चराग़-ए-ज़ीस्त मद्धम है अभी तू नम न कर आँखें
बिछड़ते वक़्त की उस एक बद-गुमानी में
अब के मिले तो हम दोनों ही