रज़ा जौनपुरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का रज़ा जौनपुरी
नाम | रज़ा जौनपुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Raza Jaunpuri |
ये बात तिरी चश्म-ए-फुसूँ-कार ही समझे
उन की निगाह-ए-नाज़ के क़ाबिल कहें जिसे
तुझे ऐ ज़ाहिद-बदनाम समझाना भी आता है
शम्अ' की आग़ोश ख़ाली कर के परवाना चला
फिर राह दिखा मुझ को ऐ मशरब-ए-रिंदाना
मकीं और भी हैं मकाँ और भी हैं
क्या पूछते हो मुझ को मोहब्बत में क्या मिला
कुछ तो हासिल हो गया इरफ़ान-ए-मय-ख़ाना मुझे
कैफ़ नसीब अब कहाँ ग़ुंचों के भी जमाल में
जिंस-ए-गिराँ का मैं हूँ ख़रीदार दोस्तो
झुक सके आप का ये सर तो झुका कर देखें
दिल को मामूर करो जज़्ब-ओ-असर से पहले
बेदार हो गए हैं जो ख़्वाब-ए-गिराँ से हम