रज़ा बिजनौरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का रज़ा बिजनौरी
नाम | रज़ा बिजनौरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Raza Bijnori |
उस की मर्ज़ी से अलग मज़हब-ओ-ईक़ाँ कब तक
सौ मुश्किलें थीं इश्क़ के आज़ार के लिए
ख़ानक़ाहों में किसी का बोल अब बाला नहीं
हुस्न-ए-बुताँ को देख के मैं दंग रह गया
हम कसरत-ए-अनवार से घबराए हुए हैं