मुझ को जो कहते हो म्याँ तुम हो कहाँ तुम हो कहाँ
मुझ को जो कहते हो म्याँ तुम हो कहाँ तुम हो कहाँ
दिल कहाँ है पास मेरे मेरी जाँ तुम हो कहाँ
वो गली है या परी-ख़ाना है या फ़िरदौस है
सच कहो ऐ हमदमो मैं हूँ कहाँ तुम हो कहाँ
अपने से अपना न हो काम औरों से रखिए उमीद
क्या वसिय्यत करते हो ऐ दोस्ताँ तुम हो कहाँ
गुल खिलेंगे बार बार और आएगी हिर-फिर बहार
है हमेशा सैर-ए-गुलज़ार-ए-जहाँ तुम हो कहाँ
जब जवानी गई रहा क्या आना जाना सब गया
आओ जाने दो वो बातें ऐ मियाँ तुम हो कहाँ
देखने का चाव ये ऐनक उतरती ही नहीं
देखो तुम अपनी तरफ़ ऐ मेहरबाँ तुम हो कहाँ
पूछते हैं हाल तो मुँह देख रहते हो 'रज़ा'
दिल कहीं और ही है सुनते हो मियाँ तुम हो कहाँ
(391) Peoples Rate This