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ज़िंदगी की शराब पानी है - रौशन लाल रौशन कविता - Darsaal

ज़िंदगी की शराब पानी है

ज़िंदगी की शराब पानी है

और वो भी ख़राब पानी है

जाने वाली सदी सदा बर-लब

आने वाला अज़ाब पानी है

नफ़रतों का बदल मोहब्बत है

आग का इक जवाब पानी है

हर्फ़-ए-बातिन भी हर्फ़-ए-ज़ाहिर भी

एक ऐसी किताब पानी है

ये समुंदर समझ नहीं सकता

एक प्यासे का ख़्वाब पानी है

एक क़तरा नहीं है आँखों में

हर तरफ़ बे-हिसाब पानी है

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In Hindi By Famous Poet Raushan Laal Raushan. is written by Raushan Laal Raushan. Complete Poem in Hindi by Raushan Laal Raushan. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.